भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका। भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका।
जब कभी बंद करती हूं अपनी आंखें नज़र आतें हैं वही जिन्हें खो दिया है अपनी ही नादानी से. जब कभी बंद करती हूं अपनी आंखें नज़र आतें हैं वही जिन्हें खो दिया है अपनी ही नादा...
इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था. इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था.
निधि की मम्मी तारा दोनों बहिनों के स्नेह को देखकर मंत्रमुग्ध थी। निधि की मम्मी तारा दोनों बहिनों के स्नेह को देखकर मंत्रमुग्ध थी।
हमारे जीवन में कई ऐसी बातें होती हैं ,जो अनकही रह जाती है। हमारे जीवन में कई ऐसी बातें होती हैं ,जो अनकही रह जाती है।
नेहा के मन में निलय के प्रति ढेरों प्यार उमड़ आया! नेहा के मन में निलय के प्रति ढेरों प्यार उमड़ आया!